Tuesday, December 8, 2009

तीसरा शेर



सपनो की दुनिया आइना,

बनकर टूट गयी ....

हर एक खवाब हकीकत से ,

रूठ गयी ...

आँखों की नमी ने जब गाल ,
छुआ तो एहसास हुआ....

के ज़िन्दगी हाथों से ,
छुट गयी .....

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