Tuesday, February 23, 2010

आज काफी थक गया ऑफिस में ..खाना खाकर अब अपने प्यारे कमरे में आकर अपने कंप्यूटर पर गाने सुन रहा हूँ..साथ ही अपने दोस्त सुंदर से बात भी कर रहा हूँ .

Saturday, February 20, 2010

प्रतीक से बात हुयी

आज मरी इतने दिन बाद काफी देर तक मेरे कॉलेज के बहुत अच्छे दोस्त प्रतीक से बात हुई..प्रतीक

कॉलेज
की पढाई ख़तम करने के बाद लदन चला गया है ..बस तभी से बात होती पर काफी कम ..पर

आज
हम दोनों ने इंटरनेट पर काफी देर तक बात करी ..वैसे ऐसा नहीं है की आज ही मुझे इंटरनेट का

फायेदा
नज़र रहा है पर वाकिये में इंटरनेट ने दुनिया को बहुत छोटा बना दिया है ..हम दोनों अपने

अपने
Headphones से बात कर रहे थे और बाद में प्रतीक नेwebcam भी ऑन कर दिया था जिसकी

वजह
से मैंने कम से कम एक साल बात उसे देखा भी ....काफी अच्छा लगा ..कॉलेज टाइम में मेरे सबसे

अच्छे
दोस्तों में से एक प्रतीक भी था ..मुझे अपने कॉलेज जाने का सबसे उपयोगी बात ये ही लगी थी की

मुझे
प्रतीक और उसके जैसे कुछ दोस्त ऐसे मिले थे जिनके बिना वाकिये में लाइफ अधूरी होती .. हम

दोनों
ने काफी बातें करी और बाद में से पक्का भी कर लिया की अब जब बात करनी हो तो नेट पर ही

कर
लेंगे ..प्रतीक कॉलेज टाइम में काफी सोचता रहता था ..उसे लगता था जैसे वो जिस course में पढ़

रहा
है वो उसको नहीं करना चाहिए ...पर आखिर वो सही मंजिल की और निकल पड़ा..यानि वो जो

करना
चाहता था MBA उसे उस university में admisson भी मिल गया और लंदन चला गया ..इंडिया

में
वो हमेशा कहता था की यार पता नहीं क्या करूँगा मैं जो पढाई कर रहा हूँ वो मेरे काम आएगी भी या

नहीं
पर चलो उसे कुछ करने को तो मिला नहीं तो वो हमेशा इस उलझन में ही रहता की मुझे करना था

पर
मैं नहीं कर पाया ..... प्रभु
से ये ही दुआ करता हु की प्रतीक जो चाहता है वो पूरा हो जाये ..वो अपने

परिवार से हम सबसे इतनी दूर गया हुआ है ....और कम से कम जो प्रतीक चाहता हैं वो बनकर ही वापस आये जाये...

Tuesday, February 16, 2010

शायरी 10

थक सा गया है अब मेरी "चाहतों" का वजूद

अब तो "कोई" अच्छा भी लगे तो हम "इज़हार" नहीं करते

Monday, February 8, 2010

Mukesh अनाड़ी


Film - Anari (1959)
Lyrics - Shailendra
Singer(s) - Mukesh,Lata
Music Director :Shankar-Jaikishan
मुकेश जी का बेहतरीन गाना
इस पोस्ट में मै मुकेश जी के पसंदीदा गाने आप सबके के साथ बाटूंगा
आशा करता हूँ आपको भी अच्छे लगेंगे
मुकेश जी जैसे गीतकार फिर कभी नहीं हो सकते


दिल की नज़र से, नज़रों की दिल से
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे
धीरे से उठकर, होठों पे आया
ये गीता कैसा, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे, दिल की नज़र से ...
क्यों बेखबर, यूँ खिंचीसी चली जा रही मैं
ये कौनसे बन्धनों में बंधी जा रही मैं
कुछ खो रहा है, कुछ मिल रहा है
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे, दिल की नज़र से ...
हम खो चले, चाँद है या कोई जादूगर है
या, मदभरी, ये तुम्हारी नज़र का असर है
सब कुछ हमारा, अब है तुम्हारा
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे, दिल की नज़र से ...
आकाश में, हो रहें हैं ये कैसे इशारे
क्या, देखकर, आज हैं इतने खुश चाँद-तारे
क्यों तुम पराये, दिल में समाये
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है
कोई हमें बता दे, दिल की नज़र से ...