Sunday, April 25, 2010

शायरी 13


माना हम सदियों से तनहा है दोस्त ..
एहसास मत दिलाया करो..
दर्द होता है .......

शायरी 12

हर इन्सान में खुदा है .....
ये सच पहचान पाए कोई....
दुःख मिलने से रोता है हर इंसान...
मुस्कराते हुए किसी को सह पाए कोई ...

देखने को नहीं मिलेगें खुदा लोगों को ...
क्योकि लोग जीते है सिर्फ खुद के लिए ...
सिर्फ पैसों की तलाश है हर इंसान को ....
खुदा खुद हाज़िर भी हो...
तो किसके लिए ????

Wednesday, April 21, 2010

शायरी 11

मेरे "किरदार" को

कुछ इस कदर

बयां
किया उसने....

मेरे गुनाह को

सभी मेरा "अंदाज़"

समझ बैठे ........!!!!!!!

Monday, April 12, 2010

शायरी 10



किसी को खुश रखना ...
मेरी आदत तो नहीं
मुझे देख कर कोई मुस्करा दे ...


तो मैं क्या करू ...........