Tuesday, December 22, 2009

ढूँढता रहा


खुशियों के चार पल ही सदा ढूँढता रहा
क्या ढूँढना था मुझको मैं क्या ढूँढता रहा.....

मायूसी के शहर में मुझसा गरीब शख्स,
लेने को सांस,थोड़ी हवा
ढूँढता रहा.......

मालूम था की उनकी नहीं है कोई रज़ा,
फिर भी मैं वहा उनकी रज़ा
ढूँढता रहा.......

मालूम था मुझे नहीं मिलेंगे वो,
फिर भी मैं सदा उनका पता
ढूँढता रहा.....

फिर यूं हुआ कि उनसे मुलाकात हो गयी,
फिर उम्र भर मैं अपना पता
ढूँढता रहा.............

2 comments: